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 दोस्तों एक समय था जब आयुर्वेद का ही बोल बाला था। तुर्की हम से सीख कर गए । अरबी हम से सीख कर गए। पुर्तगाली हम से सिख कर गए। कहने का मतलब लगभग पूरा संसार हमारे इस आयुर्वेद को यहां से सिख कर अपने अपने देश गए और जो चिकित्सा वहां के वातावरण के अनुकूल थी उसे विकसित किया। परंतु जिस हिंद देश ने समस्त संसार को आयुर्वेद का ज्ञान पढ़ाया आज वह एक बेबस इंसान की तरह है। भले ही पढ़े-लिखे लोग कहते हो कि हम आयुर्वेद के उत्पाद खरीदते हैं और उनका इस्तेमाल करते हैं भले ही दिखावे में आयुर्वेद के उत्पाद ज्यादा बिकते हैं परंतु सच्चाई तो यह है कि इस दिखावे की दुनिया से परे एक प्रकृति भी है। जिसका नाश इंसानों द्वारा यह कहकर किया जा रहा है की यह पेड़ पौधे यह जंगल सभी आयुर्वेद में या आयुर्वेद के उत्पाद में प्रयुक्त होंगे अर्थात आयुर्वेद के नाम पर जंगलों से पेड़ पौधे और वनस्पतियां सिर्फ यह कह कर नष्ट की जा रही है की इनसे आयुर्वेद के उत्पाद बन रहे हैं और आयुर्वेद को बढ़ावा मिल रहा है जोकि देश के लिए अच्छा है।

 अगर इस तरह का आयुर्वेद अगर हमारे लिए अच्छा बताया जा रहा है तो उसे मैं रत्ती भर भी अच्छा और सुरक्षित नहीं कह सकता क्योंकि हमारे गुरुओं ने और ऋषि मुनियों के शास्त्रों में यह बताया गया है कि पेड़ पौधे हमारे भगवान समान है अर्थात हम इनका प्रयोग कर स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं परंतु बदले में हमें इनकी रक्षा करनी पड़ेगी क्योंकि अगर हमने प्रकृति का विनाश किया तो प्रकृति हमारा विनाश कर देगी इस बात में कोई भी दो राय नहीं है। यह हमारे हिंदू धर्मों में लगभग सभी शास्त्रों में बतलाया गया है।

मैं सूर्यवंशी आप सभी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं की  हमारे भगवान समान इन पेड़ पौधों की रक्षा करें इनका संरक्षण करें जिससे प्रकृति मजबूत होगी और हमारी रक्षा करेगी इसी में समस्त संसार के जीवन का कल्याण है।

साथ ही  सभी आयुर्वेद के प्रिय जनों से मेरा अनुरोध है की इंटरनेट पर दी गई जानकारी या नुस्खे पढ़कर अपने जीवन में इस्तेमाल ना करें जो नुस्खा व जड़ी-बूटी आपको प्रयोग करने लायक व आपके शरीर के अनुकूल लगती है। सिर्फ उसे ही प्रयोग करें किसी की भी बातों को सुनकर सच मानना तो मूर्खों का काम है। अगर आप हमारे लेख से नुस्खा या जानकारी प्रयोग करना चाहते हैं। तो एक बार कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हम से सलाह जरूर लें। बिना सलाह के अगर आपको कोई हानि होती है। तो इसमें हमारा लेख या हमारी वेब ब्लॉग या स्वयं हम किसी तरह के जिम्मेवार नहीं होंगे।
#BABAAYURVEDA

 धन्यवाद